मदनगोपाल जशोदा जी के लाल Madan Gopal Jashoda Ji Ke Lal


मदनगोपाल जशोदा जी के लाल
 




मदनगोपाल जशोदा जी के लाल 


मदन गोपाल, जशोदा-लाल,
हाथ में मुरलिया, करत कमाल
मैया को झिकावे, कर के लीला
वर्ण है श्याम, वस्त्र है पीला
बाल घुँघराले ज्यों घटा घनघोर
नाम है उनका नन्द किशोर 

माखन चुरावे, बातें बनावे
तरह - तरह के स्वांग रचाये
बल दाऊ कू बहुत ही खिज़ावे
ग्वाल - बालन को ऐसे रिझावे
अद्भुतह हैं, जरा से हटकर
बचपन के श्री नटवर नटखट
सर पे साजे पंख मोर
कहते उनको माखन चोर

गैया चरावे, मुरली बजाए
भांति -भांति सू गोपियाँ सताए
गोपियाँ उलाहना दे
मैया को कैसे - कैसे
भोले बनकर ऐसे बैठे
धुले दूध के हों जैसे
वो है श्याम, नाग है काला
क्या जाने वो पड़ा 
श्री कृष्ण से पाला
कैसे - कैसे सबक दे-दे के
घमंड तुड़ायो, शरण में लेके
गांव वाले जाये उन पर वारी
गांव बचायो इन्द्र से, नाम गिरधारी
उम्र सात में लीला कंस आतंक
नाम कहलायो कामसांतक 

तुमरे रहते अच्युत किसका है डर 
विश्वदक्शिनह, विश्वरूपा, 
वर्धमानह, विष्णु, वेणी, विश्वेश्वर  
शरणागत हो जो आए तेरे दर पर 
जन -जन की प्रभु हरते बाधा
हिय में जिनके, नाम है राधा
हम रे मन में एक ही ईश है
वो तो मेरे द्वारकाधीश है
हमरी तो नींद में गोविन्द
जाग में भी गोपाल राग
मेरे मोहन संकटमोचन,
सुन्दर नयन, कंजलोचन 

न जाओ छोड़कर कंही और उ
मेरे तो केवल देवकीसुत 
सब के प्यारे नन्दलाल 
मदन गोपाल, जशोदा-लाल,
हाथ में मुरलिया, करत कमाल।



                    - सौरभ गोस्वामी




















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