बुद्ध या युद्ध - Budh Ya Yudh
बुद्ध या युद्ध
बुद्ध श्वेत , युद्ध रक्त रंजित दैत्य
बुद्ध उजाला, युद्ध तमरुपी जलजला
बुद्ध त्याग, युद्ध महत्वकांक्षी उन्माद
बुद्ध ज्ञान, युद्ध, विनाशक विज्ञान
बुद्ध गौतम, युद्ध कभी नहीं उत्तम
बुद्ध वैराग्य, युद्ध क्रोध, लोभ, द्वेष, राग
बुद्ध कल्याण, युद्ध नव सीमा निर्माण
बुद्ध मोक्ष, युद्ध प्रत्यक्ष, परोक्ष
बुद्ध आस, युद्ध एक त्रास
बुद्ध, सीमित, युद्ध विस्तार
बुद्ध, न्यून , युद्ध महत्वकांक्षा अपार
बुद्ध सन्यासी , युद्ध अति विस्तारवादी
बुद्ध उदार , युद्ध एक व्यापार
बुद्ध, क्रोध न करने पर बल
युद्ध, क्रोध का ही फल
बुद्ध वर्तमान , युद्ध कालातीत भविष्य
बुद्ध असत्सय पर सत्य, युद्ध एकदम उलट
लालच, महत्वकांक्षी, असत्य मार्ग प्रशस्त
बुद्ध, धर्म चक्र प्रवर्तन, युद्ध ज्यादातर
अधर्म, हिंसा, लालच, कलुषित अंतर्मन
बुद्ध, अटल सूर्य, चन्द्र और सच
युद्ध निर्भर है, मनुष्य, हथियार और प्रपंच
सिद्धार्थ ने अपना नाम चरितार्थ किया
सही रूप में सिद्ध अर्थ किया
बुद्ध दार्शनिक नहीं, द्रष्टा हैं, युद्ध एक काला नाग, जो कई जिंदगियों को डसता है
लाख बुराई फिर भी युद्ध जरुरी है
अधर्म, अन्याय के शासन पर
जो टिका हो सत्य, धर्म और न्याय के आसन पर
युद्ध केवल और केवल इसी शर्त पर ही जायज है
जैसे लड़ा श्री कृष्णा ने
खिलाफ अधर्म, अन्याय,
बुराई और नाजायज के
- सौरभ गोस्वामी
इसके विपरीत
युद्ध को नकारे, प्रण से
बुद्ध अपनाएं अपने जीवन में अंतर्मन से
बुद्ध ही श्रेष्ठ है, बुद्ध ही ज्येष्ठ है
- सौरभ गोस्वामी
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