वक्त बड़ा बलवान Waqt - Bada Balwan

वक्त बड़ा बलवान Waqt Bada Balwan


वक्त बड़ा बलवान


वक्त, बेवक्त हो जाएगा
पता ही न चलेगा
मुट्ठी से फिसल गई रेत
वक्त वापस कहाँ से लाएगा
हाथ मलेगा, रोएगा बहुत
केवल पछतावा रह जाएगा
कर ले कद्र वक्त की
अभी भी समय है
वक्त से रखना ताल-मेल
उस से रखना लय है
वक्त सीमित है, तय है
वक्त की यही बारिकी है
जिसने भी कद्र की
उसने अच्छी सीख ली है
जिसने ना कि उन्हें भी
वक्त ठोकर पर लाया है
बहुत कुछ दिखाया है
अच्छा सबक सिखाया है
वक्त जैसे को तैसा बाँटता
जिसने वक्त है काटा
वक्त उसे भी काटता
वक्त ने किए ऐसे सितम
अच्छे-अच्छे हो गए खत्म
गर कर ले काम समय-अन्दर
वही होता है वक्त का सिकंदर
नही किसी को वक्त ने बक्शा
बिगाड़ा खेल, बदला है नक्शा
वक्त-वक्त की पहेली है
ये किसकी सगी, सहेली है
आज है राजा भोज
तो कल गंगू तेली है
वक्त अच्छा है तो
लोग भी ध्यान देते है
वक्त बुरा, संज्ञान देता है
रिश्तेदार साथ कम
ज्ञान ज्यादा देता है
वक्त - वक्त की बात है
आज दिन तो कल रात है
वक्त ही सबल करता
निर्बल भी वक्त ही रखता
वक्त से कोई पार ना पाता
समय बड़ा बलवान
भीलों ने लूटी गोपियाँ
वही अर्जुन वही बाण
जब श्री कृष्ण का साथ था
वही अर्जुन का एक छत्र राज था
जब बुरा वक्त आ जाता है
ऊँट बैठे कुत्ता खा जाता है
जब समय सही होता है
आदमी वही अब पुरोधा है
जो गिर कर खुद ही संभलता है
किस्मत बदले ना बदले
वक्त जरुर बदलता है
सबको मिलता है वक्त
जीवन बदलने के लिए
दुबारा जीवन नही मिलता
वक्त बदलने के लिए


                      - सौरभ गोस्वामी


 

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