बीकानेर नाम तो सुना होगा -Bikaner Naam to Suna Hoga
स्मरण होते ही कुछ
यादों को चुना होगा
यादों का ताना-बाना बुना होगा
मुख में लाली भी छाई होगी,
होंठों पे मुस्कुराहट भी आई होगी
लबों से कुछ बुदबुदाए
मुख में लाली भी छाई होगी,
होंठों पे मुस्कुराहट भी आई होगी
लबों से कुछ बुदबुदाए
बोले भी होंगे
दिल ने कई राज
दिल ने कई राज
खोले भी होंगे
ऐसा सबने किया होगा
ऐसा सबने किया होगा
ये मेरा दावा है
क्योकि ये शहर
क्योकि ये शहर
मोतीपाक सा स्पेशल है
जिसमें डबल
जिसमें डबल
पका हुआ मावा है
जिसके केवल और केवल
जिसके केवल और केवल
नाम लेने से
कानों में मिश्री घुल जाती
कानों में मिश्री घुल जाती
अनुभूति होती सही है
ये केवल मैं नहीं कहता,
जिसने भी अनुभव किया
सब ने कही है
ये उन लोगों के लिए तो
और भी ख़ास है
जो न बीकानेर के अंदर
न आस - पास है
जिनकी शहर से बहुत दूरी है
काम -काज
ये केवल मैं नहीं कहता,
जिसने भी अनुभव किया
सब ने कही है
ये उन लोगों के लिए तो
और भी ख़ास है
जो न बीकानेर के अंदर
न आस - पास है
जिनकी शहर से बहुत दूरी है
काम -काज
रोटी- पानी के लिए गए,
मजबूरी है
वो बीकानेरी हैं
मजबूरी है
वो बीकानेरी हैं
बिखरे यहाँ आज भी
उनके अंश है,
यहाँ न रह पाने का
दिल के छोटे से
यहाँ न रह पाने का
दिल के छोटे से
कोने में दंश है
एक ख़ुशी में
एक ख़ुशी में
छिपी पीड़ा है
जो समय -समय पर
जो समय -समय पर
वो दिखलाते है
बीकानेरी ब्रांड मंगवाकर
सबको गर्व से
बीकानेरी ब्रांड मंगवाकर
सबको गर्व से
खिलाते और खाते है
पुरानी यादों को
पुरानी यादों को
सोशल मीडिया पोस्ट बनाकर
खूब इठलाते
खूब इठलाते
मन ही मन मुस्कराते है
यहाँ बिताया एक-एक क्षण
यहाँ बिताया एक-एक क्षण
अमृत सेवन है
बीकानेर एक शहर नहीं
बीकानेर एक शहर नहीं
पूरा जीवन है
बीकानेर नाम तो सुना होगा
स्मरण होते ही
बीकानेर नाम तो सुना होगा
स्मरण होते ही
कुछ यादों को चुना होगा
यादों का ताना-बाना बुना होगा
- सौरभ गोस्वामी
यादों का ताना-बाना बुना होगा
- सौरभ गोस्वामी
Wonderful poem yet again
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